भारतीय सिनेमा को एक खास मुकाम पर पहुंचाने वाले मशहूर फिल्ममेकर महबूब खान का नाम आज भी बहुत सम्मान से लिया जाता है। 9 सितंबर, 1907 को गुजरात के बिलिमोड़ा में जन्मे महबूब खान को बचपन से अभिनेता बनना था, जिस कारण वो महज 16 साल की उम्र में ही घर से भाग गये। पर जब यह बात उनके पिता को पता चली तो वो उन्हें घर वापस ले आये। फिर बाद में उनकी मुलाकात फिल्मों की शूटिंग के लिए घोड़ा सप्लाई करने वाले नूर मोहम्मद से हुई जिनके साथ वो मुंबई आ गये।
एक बार उनका साउथ इंडियन फिल्मों के डायरेक्टर चंद्रशेखर के फिल्म सेट पर जाना हुआ। जहां इन्होने फिल्म बनने का प्रोसेस देखा और डायरेक्टर के साथ काम करने की इच्छा जताई।
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महबूब खान ने मेरी जान और दिलबर जैसी कुछ फिल्मों में अभिनय किया। लेकिन उन्हें पहचान मिली निर्माता-निर्देशक के तौर पर। 1935 में महबूब खान को फिल्म अल हिलाल का निर्देशन का मौका मिला।
इसके बाद महबूब खान ने आन, अंदाज, अनमोल घड़ी, औरत, अमर, तकदीर, अनोखी अदा और रोटी जैसी शानदार फिल्मों का निर्देशन और निर्माण किया।
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साल 1957 में आई महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया काफी चर्चा में रही। इस फिल्म ने ऑस्कर की रेस में जगह बनई।
28 मई 1964 को खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे महबूब खान का महज 54 साल में निधन हो गया। महबूब खान अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन भारतीय सिनेमा में दिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
स्त्रोत- हिन्दुस्थान समाचार
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